Sunday, January 23, 2011

यूरेनियम नहीं देगा आस्ट्रेलिया


आस्ट्रेलिया ने भारत को यूरेनियम देने से एक बार फिर इनकार कर दिया है। आस्ट्रेलियाई सरकार ने दोहराया है कि परमाणु अप्रसार संधि के सदस्य और उसके साथ द्विपक्षीय समझौता करने वाले देशों को ही वह यूरेनियम का निर्यात करेगा। तीन दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने गिलार्ड सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में इस मसले को उठाया था। भारत को उम्मीद थी कि आस्ट्रेलिया में जूलिया गिलार्ड की अगुवाई वाली नई सरकार अपने रुख में बदलाव लाएगी।
कृष्णा के साथ मुलाकात के बाद आस्ट्रेलिया के ऊर्जा मंत्री मार्टिन फर्ग्यूसन ने स्पष्ट किया कि उनके देश की यह नीति सिर्फ भारत के लिए नहीं है। यह सभी देशों पर समान रूप से लागू होती है। हालांकि आस्ट्रेलिया ने ढांचागत, कोयला और ऊर्जा क्षेत्र में निवेश की इच्छा जताई। मेजबान देश ने अतिरिक्त कोयला आपूर्ति का वादा भी किया। इससे पहले कृष्णा ने फर्ग्यूसन को भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों से वाकिफ कराने की कोशिश की। सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान विदेश मंत्री ने आस्ट्रेलिया से भारत को यूरेनियम निर्यात नहीं करने की नीति पर एक बार फिर विचार करने को कहा। कृष्णा ने बैठक के बाद कहा, हमने ऊर्जा क्षेत्र के अलावा भारत-आस्ट्रेलिया संबंधों को मजबूती देने वाले तमाम मसलों पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि हम यूरेनियम, कोयला और ऊर्जा के अन्य संसाधनों से संपन्न देशों से व्यापारिक सहयोग बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। भारतीय उच्यायुक्त सुजाता सिंह और पूर्वी देशों के सचिव विजय लाठा रेड्डी के साथ बैठक में मौजूद विदेश मंत्री ने आस्ट्रेलियाई प्रतिनिधियों के साथ परमाणु समेत ऊर्जा के सभी स्रोतों और व्यापारिक सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर विचार किया। भारत में आस्ट्रेलिया उच्चायुक्त पीटर वर्गीज भी बैठक में मौजूद थे।
विदेश मंत्री अपने आस्ट्रेलियाई समकक्ष केविन रड से बृहस्पतिवार को सातवें दौर की मंत्रिस्तरीय वार्ता के दौरान मुलाकात करेंगे। रड ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा प्रजातंत्र होने के नाते भारत, आस्ट्रेलिया का महत्वपूर्ण सहयोगी है। आस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री के अनुसार, सालाना मंत्रिस्तरीय वार्ता दोनों देशों के बीच राजनीतिक और आर्थिक रिश्तों में मजबूती का संकेत है।


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