सरकार वर्ष 2022 तक सौर ऊर्जा से 22 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर लेगी। हरित इमारतों पर आयोजित एक सम्मेलन के दौरान अक्षय ऊर्जा मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने यह उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि इसके विकास के लिए हमने अनुकूल नीति तैयार की है। इससे कई निजी कंपनियां सौर ऊर्जा क्षेत्र में आ रही हैं। सरकार ने जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत वर्ष 2022 तक सौर ऊर्जा के जरिए 22 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है। फारूक ने कहा कि इस समय सौर ऊर्जा के जरिए बिजली उत्पादन बेहद कम है, लेकिन हमने अनुकूल नीतियां बनाई हैं। सरकार ने हाल ही में मिशन के पहले चरण (मार्च 2013 तक) के कार्यक्रम को मंजूरी दी है। चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार ने 800 मेगावाट क्षमता की ग्रिड सौर ऊर्जा परियोजना का चयन किया है। साथ ही शोध और अनुसंधान से जुड़ी छह परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। ग्रिड ऊर्जा के तहत बिजली ट्रांसमिशन ग्रिड से जुड़ी परियोजनाओं की बिजली आती है। इससे पहले, मंत्री ने कहा कि बिजली की बढ़ती मांग से निपटने के लिए सरकार इमारतों को पर्यावरण अनुकूल बनाने की दिशा में कदम उठा रही है। आइआइटी, आइआइएम सहित 70 सरकारी इमारतों को गृहा रेटिंग प्रणाली के दायरे में लाया गया है। गृहा (ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटेट एसेसमेंट) रेटिंग प्रणाली है। इसका विकास पर्यावरण संगठन टेरी ने किया है। पर्यावरण अनुकूल और कम बिजली खपत करने वाली इमारतों को गृहा रेटिंग दी जाती है। अब्दुल्ला ने कहा कि निजी डेवलपरों से हरित इमारत बनाने के बारे में बातचीत होने वाली है। डेवलपरों के इस क्षेत्र में आने से हरित इमारत बनने में तेजी आएगी। इससे पहले, अक्षय ऊर्जा सचिव दीपक गुप्ता ने कहा कि जून 2011 तक टाउनशिप और विशेष आर्थिक क्षेत्र को गृहा रेटिंग प्रणाली के दायरे में लाने के लिए दिशा-निर्देश आएंगे। इस मौके पर टेरी के महानिदेशक आरके पचौरी भी मौजूद थे। गृहा रेटिंग प्रणाली को लागू करने के लिए स्वतंत्र एजेंसी आदर्श का गठन किया गया है।
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