Friday, April 22, 2011

नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने दिया वैकल्पिक ऊर्जा प्रयोग पर जोर


जापान के परमाणु संकट से सबक लेते हुए नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने बृहस्पतिवार को भारत और चीन समेत विश्व भर से परमाणु ऊर्जा के स्थान पर वैकल्पिक ऊर्जा के प्रयोग का आह्वान किया है। विश्व शांति के लिए नोबेल पुरस्कार जीत चुके आर्कबिशॉप डेसमंड टुटु, एडोल्फ पेरस एसक्यूवेल और रमोस होरता समेत नौ विजेताओं ने एक पत्र लिख कर यह बात कही है। यह पत्र उन 31 देशों को भेजा गया है जो वर्तमान में परमाणु ऊर्जा पर अधिक काम कर रहे है। नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने लिखा, यह समय इस बात को समझने का है कि परमाणु ऊर्जा स्वच्छ, सुरक्षित और सस्ता ऊर्जा स्रोत नहीं है। उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि वर्तमान में अगर दुनियाभर में परमाणु ऊर्जा के प्रयोग को रोक दिया तो भविष्य में पूरी दुनिया शांति से और सुरक्षित रह सकेगी। परमाणु ऊर्जा के दूरगामी प्रभाव को बताते हुए उन्होंने कहा कि तमाम देश इस खतरनाक और महंगी ऊर्जा कोउत्पादित करने में लगे हैं जबकि इससे सस्ते और दीर्घकालिक स्रोत ज्यादा आसानी से उपलब्ध हैं। वर्तमान में विश्व भर में चार सौ से ज्यादा परमाणु संयंत्र हैं। इनमें कई प्राकृतिक आपदा के कारण जोखिम वाले स्थानों पर हैं। यह विश्व के कुल ऊर्जा का केवल सात प्रतिशत उत्पादन ही करते हैं। उन्होंने कहा, आप मिलकर इस ऊर्जा स्रोत को दूसरे सुरक्षित स्रोतों से बदल दें तो हमें परमाणु मुक्त भविष्य मिल सकता है|
फुकुशिमा संयंत्र के 20 किलोमीटर दायरे में जाने पर प्रतिबंध लगाया
जापान सरकार ने गुरुवार को क्षतिग्रस्त फुकुशिमा परमाणु बिजली संयंत्र के चारों तरफ 20 किलोमीटर के दायरे में लोगों के जाने पर पाबंदी लगा दी। प्रधानमंत्री नाओतो कान ने फुकुशिमा प्रांत का दौरा किया। समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती ने बताया कि अधिकारियों ने स्थानीय समय आधी रात से संयंत्र के 20 किलोमीटर के दायरे में सभी अनधिकृत प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। मुख्य कैबिनेट सचिव यूकिओ इदानो ने कहा कि लोगों को विकिरण के खतरे और लूटपाट से बचाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। ज्ञात हो कि गत 12 मार्च को संयंत्र के दायरे से लोगों को हटाए जाने के बाद घर लौटे लोगों को पुलिस गुरुवार तक कानूनी रूप से उन्हें इलाके में प्रवेश करने से रोक नहीं पाई थी। अधिकारी इन क्षेत्रों के निवासियों को थोड़े समय के लिए घर भेजने की योजना तैयार करने वाले हैं ताकि वे वहां से अपनी जरूरत की वस्तुओं को ला सकें। देश में 11 मार्च को आए नौ तीव्रता वाले भूकंप और सुनामी से फुकुशिमा परमाणु बिजली संयंत्र गम्भीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। संयंत्र के रिएक्टरों से हो रहे रेडियोधर्मी रिसाव पर काबू पाने के लिए संयंत्र के अधिकारी संघर्ष कर रहे हैं। संयंत्र के दायरे में रहने वाले करीब 80,000 लोगों को यहां से निकालकर राहत शिविरों में रखा गया है|

No comments:

Post a Comment