Wednesday, December 29, 2010

बायोगैस को सीएनजी में बदलने के लिए लगेगा प्लांट

स्वीडन की कंपनी से चल रही बातचीत अंतिम दौर में
नई दिल्ली। नए र्वष में दिल्ली जल बोर्ड स्वीडन की कंपनी के साथ मिलकर बायोगैस का स्वरूप सीएनजी में बदल कर सिलेंडरों में भरकर बेचेगा। इसका ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया गया है। जल्द ही इस योजना को अमलीजामा पहनाने की कवायद शुरू कर दी जाएगी। जो पाइपलाइन बायोगैस की आपूर्ति के लिए डाली गई है, उसे केमिकल डालकर नष्ट कर दिया जाएगा। जिन कॉलोनियों में बायोगैस की आपूर्ति हो रही है, वह बंद कर दी जाएगी। बायोगैस गैस आपूर्ति से दिल्ली जल बोर्ड को लगातार घाटा हो रहा था। दिल्ली जल बोर्ड अब बायोगैस को सीएनजी में तब्दील कर उसे बेचेगा। इसके लिए स्वीडन की कंपनी से वार्ता चल रही है। इसके अलावा कुछ स्थानों पर पंप लगाकर भी सीएनजी बेचने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए दिजबो द्वारा पूरी योजना तैयार कर ली गई है। इस योजना के तहत बायोगैस को प्लांट में ही सीएनजी में तब्दील कर पाइप लाइन के माध्यम से पंप तक पहुंचाया जाएगा। पंप पर सिलेंडरों में गैस भरी जाएगी। काबिलेगौर है कि दिल्ली जल बोर्ड सीवेज प्लाटों से बायोगैस तैयार कर राजधानी की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के ब्लाक ,बी,सी,डी, फ्रेंड्स कॉलोनी ईस्ट, मसीगढ़ ,जुलेना गांव, ईश्वर नगर, होली फैमिली हास्पिटल, र्चच कंपाउंड, जामिया नगर, नूर नगर, तैमूर नगर, कालिंदी कुंज, ओखला, सुखदेव नगर के अलावा कई अन्य कॉलोनियों में 100 रुपए प्रतिमाह की दर से आपूर्ति करता था। दिजबो को बायोगैस आपूर्ति में लागत भी नहीं निकल रही थी। घाटे से बचने व लाभ कमाने के लिए दिजबो उन सभी कॉलोनियों में बायोगैस की आपूर्ति जनवरी से बंद करने जा रहा है। दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ रमेश नेगी ने बताया कि पाइप लाइनें पुरानी हो गई थीं। कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती थी। नई पाइप लाइने डालना र्खचीला काम था। सड़क कटिंग के नाम पर लोक निर्माण विभाग और नगर निगम को बड़ी राशि अदा करनी पड़ती। साथ ही गैस आपूर्ति में घाटा भी हो रहा है। इसलिए नया विकल्प चुना गया है।

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