Tuesday, December 21, 2010

पावर कॉर्प पर सरकार मेहरबान

गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन पर राज्य सरकार मेहरबान हो गई है। सरकार ने कॉरपोरेशन को बिजली आपूर्ति व्यवस्था बनाए रखने के लिए रिवाल्विंग शासकीय गारंटी दी है। यह गारंटी 4500 करोड़ रुपये की धनराशि के लिए दी गई है। गौरतलब है कि प्रदेशवासियों को बिजली आपूर्ति का जिम्मा संभालने वाला पावर कॉरपोरेशन आठ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के घाटे में है। प्रदेशवासियों को बिजली मिलती रहे, इसके लिए कॉरपोरेशन को सरकार से लोन गारंटी की दरकार रहती है। ऐसी ही गांरटी से कॉरपोरेशन ने पूर्व में तकरीबन दस हजार करोड़ रुपये का लोन ले रखा है। दरअसल, कॉरपोरेशन प्रबंधन को बिजली खरीदने से लेकर कर्मियों के वेतन-भत्ते व अन्य खर्चो के लिए सालाना 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक चाहिए होते हैं। प्रतिमाह करीब 12-13 सौ करोड़ रुपये की बिजली खरीदने के अलावा प्रबंधन को लगभग सौ करोड़ रुपये वेतन, 500 करोड़ रुपये लोन की किस्तों की अदायगी और लगभग सौ करोड़ रुपये अन्य पर खर्च करने होते हैं। प्रबंधन को बिजली बेचने और अनुदान आदि से हर माह तकरीबन 14-15 सौ करोड़ रुपये ही मिलते हैं। ऐसे में उसे प्रतिमाह पांच-छह सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा हो रहा है। वित्त वर्ष में कॉरपोरेशन को 9,760 करोड़ रुपये के कैश गैप का अनुमान है। प्रबंधन का साफ मानना है कि उसकी पतली हालत के पीछे बिजली की दरें लागत से कम होने के अलावा बिजली चोरी और गांवों को सस्ती बिजली देना बड़ा कारण है। विदित हो कि 2009-10 में प्रबंधन टैरिफ में 29 फीसदी वृद्धि चाहता था, लेकिन नियामक आयोग ने औसतन 13 फीसदी की ही वृद्धि मंजूर की थी। सूत्रों के मुताबिक कॉरपोरेशन प्रबंधन उपरोक्त परिस्थितियों के मद्देनजर खराब वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए बिजली खरीदने व अन्य खर्चो के लिए सरकार से सात हजार करोड़ रुपये की लोन गारंटी चाह रहा था। कॉरपोरेशन का कहना था कि बैंक व वित्तीय संस्थाओं से लोन लेने के लिए उसके पास अन्य कोई गारंटी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में बिना शासकीय गारंटी के उसे लोन मिलना संभव ही नहीं हो सकता है। ऐसे में वित्तीय संकट के बावजूद राज्य सरकार ने कॉरपोरेशन पर खास मेहरबानी करते हुए इस बार न केवल 4500 करोड़ रुपये की शासकीय गारंटी दी है, बल्कि यह आम शासकीय गारंटी से अलग रिवाल्विंग गारंटी है। मतलब यह है कि कॉरपोरेशन प्रबंधन 4500 करोड़ रुपये तक का लोन उक्त गारंटी से जब तक चाहे ले सकता है। एक बार लिया गया लोन अदा करने के बाद भी उक्त सीमा तक शासकीय गारंटी कॉरपोरेशन के पास बनी रहेगी।

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