उत्तरी-पश्चिमी राजस्थान के रेतीले धोरों में सूरज की रोशनी से बड़ी मात्रा में बिजली पैदा होगी। प्रदेश में झुंझुनूं से लेकर जैसलमेर जिले के क्षेत्र में स्पेशल सोलर एनर्जी जोन विकसित होंगे। सैकड़ों किलोमीटर लंबे इस सोलर जोन में पूरा जैसलमेर व बीकानेर जिला, नागौर का खींवसर और जोधपुर का फलौदी क्षेत्र भी शामिल है। यहां पर सोलर र्थमल पावर की इकाइयों से 430 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इससे विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश आत्मनिर्भर हो जाएगा। सौर ऊर्जा र्थमल पावर प्लांट की अकेले सौ-सौ मेगावाट क्षमता की तीन इकाइयां होंगी। इनमें सोलर र्थमल पावर की आठ इकाइयां जैसलमेर के नाचना व जोधपुर के फलौदी के आसपास के क्षेत्र में लगाई जानी हैं। इसी प्रकार फोटो वोल्टिक सोलर एनर्जी के प्लांट एक से लेकर पांच मेगावाट विद्युत क्षमता तक के स्थापित किए जाएंगे। इन प्लांटों से कुल मिलाकर 164 मेगावाट बिजली पैदा होगी। इन क्षेत्रों में एक इकाई को छोड़कर सभी सोलर इकाइयां का काम शुरू हो चुका है। एक इकाई को छोड़कर सभी सौर ऊर्जा इकाइयां निजी कंपनियां बनाएंगी। नेशनल सोलर मिशन की माइग्रेशन स्कीम में बीकानेर से जैसलमेर तक के क्षेत्र में विभिन्न जगहों पर 66 मेगावाट की 11 सौर ऊर्जा इकाइयां लगाने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। निजी कंपनियों की ओर से बनाई जाने वाले इकाइयों में सात पांच मेगावाट की, तीन इकाइयां दस मेगावाट की तथा एक इकाई एक मेगावाट की है। पश्चिमी राजस्थान में कई जगह सोलर एनर्जी के प्लांट का निर्माण कार्य चल रहा है। नागौर के खींवसर में रिलांयस एनर्जी द्वारा पांच मेगावाट का प्लांट चालू हो चुका है। ओसियां में फार सोलर नाम की कंपनी द्वारा पांच मेगावाट तथा बीकानेर के भरूखीरा के पास एक्मे कंपनी दस मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र बना रही है। भरूखीरा में प्रस्तावित दस में से ढाई मेगावाट क्षमता का प्लांट बन चुका है। इस प्लांट से मार्च तक विद्युत उत्पादन शुरू होने की आशा है। इसके अलावा फागी के पास एक मेगावाट विद्युत क्षमता का प्लांट भी बन रहा है। इस साल इस सोलर जोन में 105 मेगावाट की 21 इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इनमें से प्रत्येक की क्षमता पांच मेगावाट की होगी। ये सभी इकाइयों फोटो वोल्टिक सोलर एनर्जी पद्धति से बनेंगी। केंद्र सरकार की जीबीआई स्कीम के तहत एक-एक मेगावाट की 12 इकाइयां लगाने की मंजूरी भी मिल चुकी हैं। इनमें से एक इकाई लूणकरणसर तहसील के बामनवाली गांव की रोही में शुरू हो चुकी है। राजस्थान रिनेवल एनर्जी कॉपरेरेशन के निदेशक एमएम विजयवर्गीय के अनुसार सरकार के स्वीकृत सोलर र्थमल पावर व सोलर फोटो वोल्टिक प्लांट के लिए पावर पर्चेज एग्रीमेंट की कार्रवाई हो चुकी है। 594 में से सोलर फोटो वोल्टिक की 105 मेगावाट 21 इकाइयों व 400 मेगावाट की सोलर र्थमल पावर इकाइयों के लिए भूमि आवंटन कार्रवाई कर चल रही है।
Friday, February 25, 2011
सूरज की रोशनी से दमकेगा पश्चिमी राजस्थान
उत्तरी-पश्चिमी राजस्थान के रेतीले धोरों में सूरज की रोशनी से बड़ी मात्रा में बिजली पैदा होगी। प्रदेश में झुंझुनूं से लेकर जैसलमेर जिले के क्षेत्र में स्पेशल सोलर एनर्जी जोन विकसित होंगे। सैकड़ों किलोमीटर लंबे इस सोलर जोन में पूरा जैसलमेर व बीकानेर जिला, नागौर का खींवसर और जोधपुर का फलौदी क्षेत्र भी शामिल है। यहां पर सोलर र्थमल पावर की इकाइयों से 430 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इससे विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश आत्मनिर्भर हो जाएगा। सौर ऊर्जा र्थमल पावर प्लांट की अकेले सौ-सौ मेगावाट क्षमता की तीन इकाइयां होंगी। इनमें सोलर र्थमल पावर की आठ इकाइयां जैसलमेर के नाचना व जोधपुर के फलौदी के आसपास के क्षेत्र में लगाई जानी हैं। इसी प्रकार फोटो वोल्टिक सोलर एनर्जी के प्लांट एक से लेकर पांच मेगावाट विद्युत क्षमता तक के स्थापित किए जाएंगे। इन प्लांटों से कुल मिलाकर 164 मेगावाट बिजली पैदा होगी। इन क्षेत्रों में एक इकाई को छोड़कर सभी सोलर इकाइयां का काम शुरू हो चुका है। एक इकाई को छोड़कर सभी सौर ऊर्जा इकाइयां निजी कंपनियां बनाएंगी। नेशनल सोलर मिशन की माइग्रेशन स्कीम में बीकानेर से जैसलमेर तक के क्षेत्र में विभिन्न जगहों पर 66 मेगावाट की 11 सौर ऊर्जा इकाइयां लगाने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। निजी कंपनियों की ओर से बनाई जाने वाले इकाइयों में सात पांच मेगावाट की, तीन इकाइयां दस मेगावाट की तथा एक इकाई एक मेगावाट की है। पश्चिमी राजस्थान में कई जगह सोलर एनर्जी के प्लांट का निर्माण कार्य चल रहा है। नागौर के खींवसर में रिलांयस एनर्जी द्वारा पांच मेगावाट का प्लांट चालू हो चुका है। ओसियां में फार सोलर नाम की कंपनी द्वारा पांच मेगावाट तथा बीकानेर के भरूखीरा के पास एक्मे कंपनी दस मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र बना रही है। भरूखीरा में प्रस्तावित दस में से ढाई मेगावाट क्षमता का प्लांट बन चुका है। इस प्लांट से मार्च तक विद्युत उत्पादन शुरू होने की आशा है। इसके अलावा फागी के पास एक मेगावाट विद्युत क्षमता का प्लांट भी बन रहा है। इस साल इस सोलर जोन में 105 मेगावाट की 21 इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इनमें से प्रत्येक की क्षमता पांच मेगावाट की होगी। ये सभी इकाइयों फोटो वोल्टिक सोलर एनर्जी पद्धति से बनेंगी। केंद्र सरकार की जीबीआई स्कीम के तहत एक-एक मेगावाट की 12 इकाइयां लगाने की मंजूरी भी मिल चुकी हैं। इनमें से एक इकाई लूणकरणसर तहसील के बामनवाली गांव की रोही में शुरू हो चुकी है। राजस्थान रिनेवल एनर्जी कॉपरेरेशन के निदेशक एमएम विजयवर्गीय के अनुसार सरकार के स्वीकृत सोलर र्थमल पावर व सोलर फोटो वोल्टिक प्लांट के लिए पावर पर्चेज एग्रीमेंट की कार्रवाई हो चुकी है। 594 में से सोलर फोटो वोल्टिक की 105 मेगावाट 21 इकाइयों व 400 मेगावाट की सोलर र्थमल पावर इकाइयों के लिए भूमि आवंटन कार्रवाई कर चल रही है।
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