Saturday, August 4, 2012

झारखंड में 16 फीसद महंगी हुई बिजली


महंगाई के इस दौर में राज्य के उपभोक्ताओं को बिजली दरों में बढ़ोतरी की मार भी झेलनी होगी। राज्य में बिजली की कीमतों में औसतन 16 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। हालांकि कुटीर ज्योति और कृषि उपभोक्ताओं के लिए 10 प्रतिशत ही बढ़ोतरी का प्रावधान किया गया है। बढ़ी हुई दरों से बिजली बोर्ड को 446.30 करोड़ सालाना आमदनी की बात कही जा रही है। नई दरें एक अगस्त 2012 से प्रभावी मानी जाएंगी। झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष मुखत्यार सिंह ने राज्य बिजली बोर्ड द्वारा 36 प्रतिशत वृद्धि की मांग के सापेक्ष 16 प्रतिशत ही वृद्धि की स्वीकृति गुरुवार को दी। नियामक आयोग के अध्यक्ष ने बिजली दरों में वृद्धि के कारण भी गिनाए। कहा कि वित्तीय वर्ष 2011-12 में कोयले की कीमतों में सात प्रतिशत, फर्नेस तेल की कीमत में 16, बिजली खरीद में 39 फीसद, कर्मचारियों के वेतन-भत्ते में 77 प्रतिशत और महंगाई में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस लिहाज से वृद्धि आवश्यक थी। बिजली की दरों में वृद्धि के बाद अब जो परिवार एक हजार रुपये का बिल अदा करते थे, उन्हें अब बढ़ी हुई दरों के हिसाब से 1160 रुपये अदा करने पड़ेंगे। इस तरह ऐसे उपभोक्ताओं को बिजली मद में प्रति माह 160 रुपये का अतिरिक्त भार वहन करना पड़ेगा। मसलन, सिंह साहब के घर में प्रति माह औसतन हजार रुपये का बिल आता था। 16 फीसद महंगी बिजली के बाद अब उन्हें प्रति माह इस मद में 160 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे। कडुंलना का परिवार थोड़ा छोटा है, बिजली की खपत भी थोड़ी कम है। प्रतिमाह 400 रुपये का बिल चुका रहे थे, लेकिन अब उन्हें इस मद में 64 रुपये और देने होंगे।

No comments:

Post a Comment